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माइक्रोचिप डेबिट-क्रेडिट कार्ड भी नहीं रहा सेफ, जानें कैसे क्लोनिंग के जरिए बैंक अकाउंट में लगा रहे सेंध/Microchip debit-credit card is not safe, know how to break into the bank account through cloning

माइक्रोचिप डेबिट-क्रेडिट कार्ड भी नहीं रहा सेफ, जानें कैसे क्लोनिंग के जरिए बैंक अकाउंट में लगा रहे सेंध, Microchip debit-credit card is not safe, know how to break into the bank account through cloning



डेबिट-क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग की घटनाओं को रोकने के लिये मैग्नेटिक कार्ड की जगह चिप कार्ड बैंकों ने जारी किये थे। सुरक्षा के लिहाजा से इन कार्डों के मैग्नेटिक की जगह माइक्रोचिप लगी होती है। 1 जनवरी 2019 से बैंक ग्राहकों को चिप कार्ड ही दे रहे हैं। नये कार्ड जारी होने के बाद भी क्लोनिंग की घटनायें कम नहीं हुई हैं। लखनऊ में ही औसतन हर रोज दो से तीन कार्ड क्लोनिंग के मामले सामने आते हैं। 
स्कीमर की जगह शिमिंग तकनीक का इस्तेमाल
मैग्नेटिक कार्ड की क्लोनिंग के लिये साइबर अपराधी एटीएम सेंटर या पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन के साथ स्कीमिंग मशीन जोड़ते हैं। कार्ड स्वाइप करने की जगह पर लगने वाली इस मशीन की मेमोरी में रिकार्ड हुये डाटा को कम्प्यूटर की मदद से दूसरे कार्ड पर ठग चढ़ा कर क्लोन तैयार कर लेते हैं। मगर, चिप कार्ड आने के बाद पुरानी स्कीमिंग मशीन की मदद से क्लोनिंग संभव नहीं थी। जिसके चलते साइबर अपराधियों ने शिमिंग तकनीक ईजाद की है। स्कीमर की तरह ही दिखने वाली इस मशीन को भी कार्ड स्वाइप करने वाली जगह पर लगाया जाता। इसके साथ ही कीपैड के पास पिन होल कैमरा इंस्टाल किया जाता है। जिसकी मदद से मशीन इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति द्वारा डाला गया पासवर्ड रिकॉर्ड होता है। 
गार्ड रहित एटीएम पर रहती है निगाह
6 मार्च 2019 को साइबर सेल ने रोमानियन गैंग के तनाशा फ्लोरिन, बुनुस अगस्टीन व मालडोवेन मिरिसया को गिरफ्तार किया था। उनके पास से स्कीमिंग डिवाइस के साथ ही क्लोन किये गये कार्ड मिले थे। ठगों ने पुलिस को बताया था कि क्लोनिंग डिवाइस लगाने के लिये उनका गिरोह गार्ड रहित एटीएम को चिह्नित करता था। तनाशा फ्लोरिन ने हजरतगंज समेत कई जगह एटीएम मशीन में स्कीमिंग डिवाइस लगाई थी। 
दो हजार में ऑनलाइन मिलती है मशीन
चिप कार्ड का क्लोन बनाने के लिये स्कीमर की तरह ही दिखने वाली मशीन का इस्तेमाल होता है। ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बिक्री के लिये मौजूद इन मशीनों की कीमत दो हजार रुपये होती है। मशीन में लगने वाली मेमोरी बढ़ने पर कीमत भी बढ़ जाती है। इसी तरह सादे कार्ड भी ऑनलाइन आसानी से मिलते हैं। 
क्लोन हुआ कार्ड तो बैंक करेगा भरपाई
साइबर सेल नोडल अधिकारी अभय मिश्र ने बताया कि कार्ड क्लोनिंग होने पर बैंक जिम्मेदार होता है। रिजर्व बैंक ने भी क्लोन हुये कार्ड से निकाली गई रकम की भरपाई करने के निर्देश बैंकों को दिये हैं। 
कार्ड इस्तेमाल करते वक्त बरतें सावधानी
1- एटीएम सेंटर में अपरिचित व्यक्ति से मदद न लें।
2- मशीन में कार्ड स्वाइप करने की जगह को चेक कर लें।
3- की-पैड के बटन ठीक ढंग से काम कर रहे यह भी जांचे।
4- पिन डालते वक्त की-पैड को ढक लें।
5- मोबाइल पर आये ट्रांजेक्शन मैसेज पर नजर रखें।
7- पीओएस मशीन पर बार-बार कार्ड स्वाइप हो रहा है तो सतर्क हो जायें।
माइक्रोचिप डेबिट-क्रेडिट कार्ड भी नहीं रहा सेफ, जानें कैसे क्लोनिंग के जरिए बैंक अकाउंट में लगा रहे सेंध/Microchip debit-credit card is not safe, know how to break into the bank account through cloning माइक्रोचिप डेबिट-क्रेडिट कार्ड भी नहीं रहा सेफ, जानें कैसे क्लोनिंग के जरिए बैंक अकाउंट में लगा रहे सेंध/Microchip debit-credit card is not safe, know how to break into the bank account through cloning Reviewed by devkant marskole on October 04, 2019 Rating: 5

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